“ Ayodhyā Mathurā Māyā Kāsi Kāñchī Avantikā I
Purī Dvārāvatī chaiva saptaitā moksadāyikāh II -
Garuḍa Purāṇa I XVI .14 ”
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The Garuda Purana enumerates seven cities as giver of Moksha,
They are Ayodhya, Mathura, Māyā, Kāsi, Kāñchī, Avantikā and Dvārāvatī.
1Ayodhya
2Mathura
3Haridwar
4Varanasi
5Kanchipuram
6Ujjain
7 Dwarka
Chakra View
Here is mapping between Chakra in human body and holy city of Saptpuri.
A. Haridwar : Muladhara: The Root Chakra
B. Kanchipuram : Swadhisthana: The Sacral Chakra
C. Ayodhya : Manipura: The Solar Plexus Chakra
D. Mathura : Anahata: The Heart Chakra
E. Ujjain : Vishuddha: The Throat Chakra
F. Varanasi : Ajna: The Brow Chakra
G. Dwarka : Sahasrara: The Crown Chakra
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Season View
ब्रहम्वैवर्त्तपुराण३० के अनुसार शंखोद्वार (शखूधार) के पास द्वारका है। यहाँ की याक्त्रा वर्षा में, बिन्दुमाधव के पास विष्णुकांची है, वहाँ की यात्रा शरद ॠतु में, सोमेश्वर के वायव्यकोण में रामकुण्ड पर अयोध्या है जहाँ रामेश्वर नाम का शिवलिंग है। वहाँ की यात्रा ग्रीष्म ॠतु में, असीसंगम पर गंगाद्वार, अर्थात हरिद्वार है, जहाँ की यात्रा शिशिर ॠतु में, वृद्धकाल से कृत्तिवासेश्वर तक उज्जयिनी अथवा अवन्तिका है, जहाँ की यात्रा हेमन्त ॠतु में, उत्तरार्क (बकरियाकुण्ड) से उत्तर वरणा नदी तक मथुरा है, जहाँ की यात्रा वसन्तॠतु में होती है। काशी और शिवकांची तो काशी में व्याप्त ही है।सातों पुरियाँ काशी में वर्त्तमान है, ऐसा पुराणों का वचन है और इसी आधार पर काशी में जिन-जिन स्थानों में उनकी संस्थिति है, वहाँ उनपुरियों की यात्रा होती है। यह यात्रा नित्य करने का विधान है
Brahmavaivata Puran 30
- Vasant Ritu: Spring. Mathura
- Grishma Ritu: Summer. Ayodhya
- Varsha Ritu: Monsoon. - Dwarka
- Sharad Ritu: Autumn. - Kanchi
- Hemant Ritu: Pre-winter. Ujjain
- Shishir or Shita Ritu: Winter. Haridwar
All Seasons - Kashi
Hari Bol
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